प्लास्टिक पॉलिथीन का पुनः उपयोग: पर्यावरण की रक्षा के लिए एक छोटी पहल, बड़े बदलाव का रास्ता
पर्यावरण संरक्षण में आपकी भूमिका: पॉलिथीन का सही उपयोग

दोस्तों,
आज मैं एक अनुभव साझा करना चाहता हूँ, जो शायद आप सबकी ज़िंदगी से जुड़ा हो। आज मैं सब्जी की दुकान पर गया और आलू और धनिया खरीदा। दुकानदार ने मुझे दो प्लास्टिक पॉलिथीन दी। मैं वो ले आया घर, सब्जी फ्रिज में रख दी और पॉलीथीन कचरे के ढेर में फेंकने की सोची। तो मेरे मन में एक विचार आया। यह पॉलिथीन कूड़े में जाकर प्रदूषण फैलाएगी, और यही काम हमारे आस-पास के हर व्यक्ति कर रहे हैं।
तो मन में एक सवाल उठा: क्या ये पॉलिथीन दोबारा इस्तेमाल नहीं हो सकती?
हम में से हर कोई, जाने-अनजाने में, हर दिन ऐसा करता है। पॉलिथीन को इस्तेमाल करके फेंक देते हैं। ये पॉलिथीन हमारे आसपास के कचरे का हिस्सा बन जाती है, और प्लास्टिक प्रदूषण का कारण बनती है। हम रोजाना कितना कचरा पैदा करते हैं? कितनी पॉलीथीन फेंक देते हैं? ये सब कहाँ जाता है? कचरे के ढेर में, फिर जमीन में, फिर हमारे पानी में। धीरे-धीरे ये धरती को जहर बना रहा है। हमारी सांसों को जहर बना रहा है।
हम कहते हैं - "वसुधैव कुटुम्बकम्"। मतलब ये पूरी धरती हमारा घर है। तो क्या हम अपने घर को गंदा करेंगे? क्या हम अपने घर को जहर बनाएंगे? नहीं ना!
क्या हो अगर हम इस पॉलिथीन को फिर से उपयोग में लाएं? क्या यह पॉलिथीन फिर से उसी सब्जी वाले या किसी और दुकानदार के काम आ सकती है? यह न केवल प्रदूषण कम करेगा, बल्कि दुकानदार का कुछ पैसा भी बचाएगा। यह छोटी सी पहल, प्रकृति के प्रति हमारी जिम्मेदारी का प्रतीक बन सकती है।
आपकी छोटी पहल, बड़े बदलाव की शुरुआत
इसी विचार से प्रेरित होकर मैंने एक अभियान शुरू किया है, मैंने इसे एक मिशन के रूप में शुरू किया। मैंने सोचा, क्यों न इस विचार को हर जगह फैलाया जाए? मैंने कुछ पंक्तियाँ लिखीं, उन्हें प्रिंट करवाया और दुकानों पर चिपकाना शुरू किया:
यह संदेश आपके दिल को छूएगा, अगर आप इसे अपनाएँ। हर बार जब आप पॉलिथीन वापस करेंगे, तो आप न केवल प्रदूषण को रोकेंगे, बल्कि पर्यावरण को बचाने में अपनी भूमिका निभाएँगे। आप भी अपने आस-पास के दुकानदारों को दिखाएं। उन्हें समझाएं कि ये पॉलीथीन दोबारा इस्तेमाल हो सकती है। इससे उनका भी खर्चा कम होगा और हमारा पर्यावरण भी साफ रहेगा।
ये कोई बड़ा काम नहीं है। बस थोड़ी सी जागरूकता की जरूरत है। थोड़ा सा प्रयास। अगर हम सब मिलकर प्रयास करेंगे तो इस धरती को स्वच्छ और हरा-भरा बना सकते हैं।
हमारी ज़िम्मेदारी
एक भारतीय योगी और विचारक के रूप में, मैं आपसे एक सरल अनुरोध करना चाहता हूँ:
"पर्यावरण की रक्षा में भागीदार बनें। यह न केवल हमारी बल्कि आने वाली पीढ़ियों की जिम्मेदारी है।"
योग हमें सिखाता है कि संतुलन बनाए रखें। यह संतुलन केवल शरीर और मन का नहीं, बल्कि प्रकृति और समाज का भी है।
तो क्यों न हम इस छोटे से काम से शुरुआत करें?
पॉलिथीन वापस करना सिर्फ एक कार्य नहीं, बल्कि हमारी धरती माँ के प्रति एक श्रद्धांजलि है। यह एक छोटी पहल है, लेकिन इसका प्रभाव दूरगामी होगा।
आइए, इसे एक आदत बनाएं
- पॉलिथीन को फिर से उपयोग में लाएं: जब भी आप सब्जी या कोई अन्य सामान खरीदें, पॉलिथीन को संभालकर रखें और अगली बार उसी दुकानदार को वापस दें।
- दुकानदारों को प्रोत्साहित करें: दुकानदारों को भी इस पहल में शामिल करें और उन्हें बताएं कि वे पॉलिथीन को फिर से उपयोग में ला सकते हैं।
- पर्यावरण की रक्षा करें: प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने में मदद करें और हमारे पर्यावरण को सुरक्षित बनाएं।
- दूसरों को भी इस पहल के बारे में बताएं।
"एक पॉलीथीन कम, एक कदम आगे"
आइए, हम सब मिलकर इस छोटे से कदम को बड़ा बदलाव बनाएं। यह पहल न केवल हमारे पर्यावरण को बचाएगी, बल्कि हमारे भविष्य को भी सुरक्षित बनाएगी।
छोटे कदम, बड़े बदलाव लाते हैं। और यह पहल, आपकी सोच में बदलाव लाने की शुरुआत हो सकती है।
"यह धरती हमारी माँ है। इसे सुरक्षित रखना हमारा धर्म है।"
आपका सहयोग और समर्थन इस अभियान को सफल बना सकता है।
~शेखर राणा योगी
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