जीवन के 16 सुख: स्वास्थ्य, समृद्धि और संतोष की ओर मार्गदर्शन - पहला सुख निरोगी काया: क्या आपका पहला सुख अधूरा है?

सोलह सुख: जो आपके जीवन को बना सकते हैं खुशहाल


पहला सुख निरोगी काया। दूजा सुख घर में हो माया।

तीजा सुख कुलवंती नारी। चौथा सुख पुत्र हो आज्ञाकारी।

पाँचवा सुख सदन हो अपना। छट्ठा सुख सिर कोई ऋण ना।

सातवाँ सुख चले व्यापारा। आठवाँ सुख हो सबका प्यारा।



नौवाँ सुख भाई औ' बहन हो । दसवाँ सुख न बैरी स्वजन हो।।

ग्यारहवाँ मित्र हितैषी सच्चा। बारहवाँ सुख पड़ौसी अच्छा।।

तेरहवां सुख उत्तम हो शिक्षा। चौदहवाँ सुख सद्गुरु से दीक्षा 

पंद्रहवाँ सुख हो साधु समागम। सोलहवां सुख संतोष बसे मन।

सोलह सुख ये होते भविकजन । जो पावैं सोइ धन्य हो जीवन।।


पहला सुख निरोगी काया: क्या आपका पहला सुख अधूरा है?

"योग से ही होगा आपका जीवन सुखी"

 

पिछले ब्लॉग में हमने चर्चा की थी कि "आज के समय में योग की आवश्यकता क्यों है"। आज हम इस चर्चा को आगे बढ़ाते हुए जीवन के पहले सुख "पहला सुख निरोगी काया" पर बात करेंगे।

हमारे पूर्वजों ने कहा था, "पहला सुख निरोगी काया"। इसका मतलब है कि एक स्वस्थ शरीर ही जीवन के सभी सुखों का आधार है। लेकिन आज के समय में 99.9% लोग स्वस्थ नहीं हैं। इसका मतलब है कि उनका पहला सुख ही अधूरा है! अगर आपका पहला सुख ही अधूरा है, तो आप जीवन के अन्य सुखों को कैसे प्राप्त कर सकते हैं? "दूसरा सुख घर में माया" कैसे आएगी जब आपका पैसा तो डॉक्टरों और दवाइयों में ही खर्च हो रहा है?

क्या आपके घर में भी कोई ऐसा सदस्य है, जो बीमार रहता है, और जिसकी दवाइयों और इलाज पर आपका पैसा खर्च होता है?

जब परिवार में कोई सदस्य बीमार होता है, तो घर का बजट पूरी तरह से बिगड़ जाता है। अस्पताल के खर्च, दवाइयाँ, डॉक्टर के विज़िट्स – ये सब खर्च हमारी जेब पर भारी पड़ते हैं।

कभी आपने सोचा है कि जब आप स्वस्थ नहीं रहते, तो यह खर्चे और मानसिक दबाव आपके परिवार पर भी पड़ता है? 

एक बीमार शरीर के साथ सुख और शांति नहीं मिल सकती। जीवन के हर पहलू पर इसका असर पड़ता है, चाहे वो माया हो या रिश्ते। अगर आपके शरीर में ताकत नहीं है, तो आपका मन भी नकारात्मक होता है, और इससे आपकी ज़िन्दगी की गुणवत्ता कम हो जाती है।

अगर आपका पहला सुख ही अधूरा है, तो आप जीवन के अन्य सुखों को कैसे प्राप्त कर सकते हैं? "दूसरा सुख घर में माया" कैसे आएगी जब आपका पैसा तो डॉक्टरों और दवाइयों में ही खर्च हो रहा है?


क्या करना चाहिए?


हम सभी की ज़िन्दगी में पैसा महत्वपूर्ण है, लेकिन अगर हम हर समय डॉक्टर के पास जाएं और इलाज के लिए पैसे खर्च करें, तो यह धन भी बेमानी हो जाता है। इसलिए शेखर राणा योगी जी कहते हैं कि योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करें, ताकि आपका पहला सुख यानी "निरोगी काया" पूरा हो सके। 

शेखर राणा योगी जी का कहना है कि आज से ही योग करना शुरू करें, चाहे सिर्फ 10 मिनट के लिए ही सही, लेकिन आज ही शुरू करें। अगर आप आज से योग नहीं करेंगे, तो आप अगले सुख को प्राप्त नहीं कर पाएंगे और आपका जीवन मुश्किलों में घिर जाएगा।

आप सोच रहे होंगे "योग से क्या फर्क पड़ेगा?" लेकिन सच यह है कि सिर्फ 10 मिनट का योग आपके जीवन में बदलाव ला सकता है। यह छोटा कदम बड़ा असर डालेगा। अगर आप स्वस्थ हैं, तो आपका जीवन भी खुशहाल होगा, और तभी आप "दूसरा सुख घर में माया" का अनुभव कर सकते हैं।


अब समय है बदलाव का:



अगर आप चाहते हैं कि आपकी जिंदगी खुशहाल और सुखमय हो, तो पहले "निरोगी काया" हासिल करें। और इसके लिए योग सबसे सरल और प्रभावी तरीका है। आज से ही शुरू करें और महसूस करें कैसे आपका जीवन बेहतर होता है। अगर आपने अब तक योग को अपनी दिनचर्या में शामिल नहीं किया है, तो आज ही शुरुआत करें।

जब तक आप "पहला सुख" नहीं पाएंगे, तब तक "दूसरा सुख" भी नहीं मिल पाएगा। इसलिए स्वस्थ रहने के लिए योग को अपनाना ही सही तरीका है। यदि आप अपनी जिंदगी में बदलाव चाहते हैं, तो योग आपके जीवन का हिस्सा बनाएं। याद रखिए, 10 मिनट का समय रोज़ आपके जीवन को बदल सकता है। योग न केवल आपके शरीर को स्वस्थ रखेगा, बल्कि आपके मन को भी शांत करेगा। इससे आप तनाव मुक्त रहेंगे और जीवन के सभी सुखों का भरपूर आनंद ले पाएंगे।


तो दोस्तों, आज से ही योग करना शुरू करें और अपने जीवन को खुशहाल बनाएं।


- शेखर राणा योगी




इस ब्लॉग को पढ़कर आपको कैसा लगा? क्या आप आज से योग करना शुरू करेंगे? अपने विचार और अनुभव हमारे साथ साझा करें।



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