इस मकर संक्रांति, गर्व करें अपनी परंपराओं पर : तिल गुड़ 🏵️ के फायदे, धार्मिक महत्व 🙏 और स्वास्थ्य लाभ
मकर संक्रांति: सिर्फ त्योहार नहीं, बल्कि सेहत का खजाना भी!
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तिल गुड़ घ्या, गोड़ गोड़ बोला" यानी तिल-गुड़ खाओ और मीठा-मीठा बोलो |
आज हम बात करेंगे एक ऐसे त्योहार की जो सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में धूमधाम से मनाया जाता है।जी हाँ, मैं बात कर रहा हूँ मकर संक्रांति की।
आइए इस त्योहार को और करीब से समझते हैं।
मकर संक्रांति भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। मकर संक्रांति, जिसे अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है, जैसे पंजाब में लोहड़ी 🔥, असम में भोगाली बिहू, और तमिलनाडु में पोंगल, भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह पर्व हर साल 14 जनवरी 📅 को मनाया जाता है, इस दिन सूर्य 🌞 धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है, जिसे ज्योतिष में बहुत शुभ 🏆 माना जाता है। यह दिन सर्दियों के मौसम के अंत और गर्मियों की शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन से दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती हैं। जो जीवन में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार करती हैं।
इसे 'उत्तरायण' का प्रारंभ भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है सूर्य 🌞 का उत्तर दिशा की ओर बढ़ना।
मकर संक्रांति का धार्मिक महत्व
सूर्य 🌞 देव की पूजा: मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव 🌞 की पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन सूर्य देव अपनी सबसे शुभ राशि मकर राशि में प्रवेश करते हैं।
नई शुरुआत: मकर संक्रांति को नई शुरुआत 🏆 का प्रतीक भी माना जाता है।
महाभारत और भगवान विष्णु का संबंध: महाभारत में भी मकर संक्रांति का उल्लेख मिलता है। भीष्म पितामह ने सूर्य के उत्तरायण में प्रवेश करने के बाद प्राण त्यागे थे। भगवान विष्णु ने भी इस दिन असुरों का अंत करके धरती पर शांति स्थापित की थी।
दान और पुण्य का पर्व: इस दिन गंगा स्नान और तिल-गुड़ 🏵️ का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इससे जीवन में सुख और शांति आती है।
फसलों का उत्सव 🎉: यह पर्व किसानों के लिए भी खास होता है क्योंकि नई फसल 🌾 की शुरुआत का संकेत देता है। खेतों में नई फसल 🌾 लहराती है और लोग उसे धन्यवाद देने के लिए उत्सव 🎉 मनाते हैं।
मकर संक्रांति और सेहत का संबंध
मकर संक्रांति का सेहत से जुड़ाव कई तरीकों से देखा जा सकता है। आइए जानते हैं कि इस त्योहार पर खाए जाने वाले खाद्य पदार्थ और रीति-रिवाज हमारे स्वास्थ्य को कैसे फायदा पहुंचाते हैं।
तिल और गुड़ 🏵️ का महत्व: मकर संक्रांति पर तिल और गुड़ 🏵️ का सेवन करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। तिल और गुड़ दोनों ही स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं।
- तिल: तिल में भरपूर मात्रा में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम और जिंक पाया जाता है। यह हड्डियों को मजबूत बनाने, एनीमिया से बचाने और पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में मदद करता है।
- गुड़: गुड़ में आयरन, पोटेशियम और विटामिन बी कॉम्प्लेक्स भरपूर मात्रा में पाया जाता है। यह खून की कमी को दूर करने, एनर्जी लेवल को बढ़ाने और पाचन को बेहतर बनाने में मदद करता है।
- तिल-गुड़ 🏵️ को अपनी डाइट में शामिल करें: आप तिल-गुड़ के लड्डू या चिक्की 🏵️ बनाकर इसे रोज खा सकते हैं। यह सर्दियों में ऊर्जा बनाए रखेगा।
- सूर्य 🌞 स्नान करें: सुबह-सुबह सूर्य 🌞 की रोशनी में बैठकर थोड़ी देर प्राणायाम और ध्यान 🧘 करें। इससे न केवल आपकी हड्डियां मजबूत होंगी, बल्कि मन भी शांत रहेगा।
- दान का महत्व समझें: मकर संक्रांति हमें दान करने की प्रेरणा देता है। अपने आसपास के जरूरतमंद लोगों की मदद करें, इससे आत्मिक शांति मिलेगी।
- परिवार के साथ समय बिताएं: पतंग 🪁 उड़ाने जैसी पारंपरिक गतिविधियों में हिस्सा लें। यह न केवल आपको खुश रखेगा, बल्कि आपके रिश्तों 🏠 को भी मजबूत करेगा।
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